आंतरिक शिकायत समिति

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष अधिनियम), 2013 को महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करने और उनकी प्रतिष्ठा और अवसर की समानता के अधिकार का सम्मान दिलाने वाले कार्य परिवेश बनाने के लिए लागू किया गया था। यह अधिनियम वर्ष 1997 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए विशाखा दिशानिर्देशों का विस्तार है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने, पहली बार विशाखा दिशानिर्देशों में कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न को मानवाधिकार उल्लंघन के रूप में स्वीकार किया था। इस अधिनियम का प्रभावी कार्यान्वयन, उनके लैंगिक समानता, जीवन और स्वतंत्रता, हर जगह कार्य परिस्थितियों में समानता में उनके अधिकार की प्राप्ति में योगदान देगा। कार्यस्थल पर सुरक्षा की भावना काम में महिलाओं की भागीदारी में सुधार लाएगी, जिसके परिणामस्वरूप उनका आर्थिक सशक्तिकरण और समावेशी विकास होगा।

महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 (2013 का 14) के धारा 4 (I) और भारत सरकार, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी दिनांक 21.07.2009 के का.ज्ञा. के अनुसार संस्थान के महिला कर्मचारियों की लैंगिक उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पी.आर.एल.), अहमदाबाद ने आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) का गठन किया है। पी.आर.एल. में आईसीसी यह सुनिश्चित करता है कि यह नीति पी.आर.एल. के सभी महिला कर्मचारियों को ज्ञात हो, इसमें समर्पित अधिकारियों का विवरण सभी नोटिस बोर्ड में प्रदर्शित हो, संवेदीकरण गतिविधियों का आयोजन हो और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए नियमित अंतराल पर अनौपचारिक गेट-टूगेदर आयोजित हो।