परमाणु, आणविक और प्रकाशिक भौतिकी प्रयोगशाला

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खगोलरसायन प्रयोगशाला
प्रयोगात्मक खगोलरसायन और खगोलजीवविज्ञान। कम तापमान पर खगोलरसायनिक बर्फ में इलेक्ट्रॉन, आयन (एकल और बहु आवेशित), धूल संघट्ट और प्रघात तरंग द्वारा प्रेरित रासायनिक परिवर्तनों की जांच करना। खगोल रसायनिक बर्फ अनुरूपों की इन्फ्रारेड (आईआर) और वैक्यूम अल्ट्रावायलेट (वीयूवी) स्पेक्ट्रोस्कोपी।

कम तापमान पर खगोलीयअणुओं के लिए अनुकारक (SALT) हमें अंतरतारकीय माध्यम में ठंडी धूल और बर्फीले आवरण की स्थिति को अनुरूपित करने में सक्षम बनाता है।

खगोलरसायनकी के लिए उच्च तीव्रता प्रघात ट्यूब (HISTA) हमें अंतरतारकीय माध्यम में अनुभव किए गए प्रघात वातावरण और सौर मंडल की वस्तुओं में संघट्ट-प्रेरित प्रघात को अनुरूपित करने में सक्षम बनाता है।


कम तापमान पर खगोलीयअणुओं के लिए अनुकारक (SALT)

खगोलरसायनकी के लिए उच्च तीव्रता प्रघात ट्यूब (HISTA)


खगोलरसायनिक बर्फ के एक नए वर्ग की खोज, जो अपनी प्रावस्था-संक्रमण के संबंध में बहुत अलग व्यवहार करती है

खगोलरसायनिक बर्फ में ग्राफीन और क्वांटम डॉट का संश्लेषण

न्यूक्लियोबेस के प्रघात-संसाधन द्वारा जटिल संरचनाओं का निर्माण


भारत में एकमात्र प्रयोगशाला जो 8 K से 16 हज़ार K तक खगोलरसायनकी का अध्ययन कर रही है।
फेम्टोसेकन्ड लेज़र प्रयोगशाला
पिकोसेकंड से लेकर फेम्टोसेकंड तक के समयकाल पर परमाणविक और आणविक प्रयोग करना।

हम फेमटोसेकंड लेजर स्पन्दों का उपयोग करके परमाणु और आणविक तंत्रों में अतितीव्र गतिशील प्रक्रियाओं का अध्ययन करते हैं। परमाणुओं और अणुओं में, नाभिकीय गतिकी का समयमान पिकोसेकंड से लेकर फेमटोसेकंड तक होता है, जबकि इलेक्ट्रॉन गतिकी के लिए यह एटोसेकंड होता है। हम इन अतितीव्र गतिशील प्रक्रियाओं का अध्ययन प्रतिक्रियाओं के दौरान उन्हें नियंत्रित करने के उद्देश्य से करते हैं, ताकि नए अणुओं का निर्माण हो सके।


1. फेम्टोसेकन्ड लेज़र (वाहक आच्छाद प्रावस्था (CEP ) स्तिथिकृत): 800nm, 25fs, 10mJ 1KHz पर और 3mJ 5KHz पर

2. वेग मानचित्र प्रतिबिम्बन स्पेक्ट्रोमीटर

3. फेम्टोसेकन्ड स्पन्द के विशेषीकरण हेतु विद्युत क्षेत्र के सीधे पुनर्निर्माण के लिए स्पेक्ट्रमी प्रावस्था व्यतिकरणमिति (SPIDER)

4. स्पन्द के विशेषीकरण हेतु अतितीव्र आपतित लेज़र प्रकाश क्षेत्र का ग्रेटिंग-एलिमिनटेड नो-नॉनसेंस प्रेक्षण (GRENOUILLE)



सभी उपकरणों को एक स्वच्छ कक्ष (ISO 7) में एक कंपनरोधी तल वियोजन क्षेत्र पर स्थापित किया गया है।
संदीप्ति भौतिकी और अनुप्रयोग समूह
प्राकृतिक और सांश्लेषिक पदार्थों में संदीप्ति की प्रक्रिया को समझना और विकिरण डोसीमेट्री एवं पृथ्वी की सतह की प्रक्रियाओं के अध्धयन के लिए उसका प्रयोग करना

संदीप्ति प्रयोगशाला की शुरुआत 1977 में प्रोफेसर अशोक के सिंघवी ने की थी। यह इस देश में संदीप्ति भौतिकी की समझ में पारंगत होने वाली और भूवैज्ञानिक और पुरातात्विक अध्ययनों के लिए इसका प्रयोग करने वाली पहली संदीप्ति कालनिर्धारण प्रयोगशाला है।  इस प्रयोगशाला ने अब तक पूरे भारत में 12 से अधिक प्रयोगशालाओं की स्थापना करने में सहायता की है। यह प्रयोगशाला वर्तमान कार्य-प्रणालियों को उन्नत करने के लिए और संदीप्ति के अनुप्रयोग के नए क्षेत्रों को खोजने के लिए हमेशा तत्पर रहती है। 



  • पृथ्वी के मरुस्थलों के कालनिर्धारण में पारंगत
  • इस तकनीक का उपयोग उल्का पिंडों के ब्रह्मांडीय उद्भासन काल का निर्धारण करने के लिए किया
  • दिगीय विभेदित संदीप्ति तंत्र के विकास में पारंगत
  • मानवीय विकास और प्रवासन की वर्तमान अभिधारणा को चुनौती दी
  • इस तकनीक का प्रयोग भुविज्ञानीय विषयों, जैसे मरुस्थल का विकास, पुराजालवायु, हिमनदों की प्रगति, विवर्तनिकी, सूनामी, फुलगुराइट, तटीय टीलों, इत्यादि, का अध्धयन करने में किया

भारत की पहली संदीप्ति प्रयोगशाला भारत की एकमात्र प्रयोगशाला जो अवरक्त रेडियोप्रतिदीप्ति, अवरक्त और हरा उद्दीपन सुविधा के साथ एकल ग्रेन तंत्र, बैंगनी उद्दीपित संदीप्ति, परिवर्ती उद्दीपन और संसूचन संयोजन, EMCCD पर आधारित दिगीय विभेदित संदीप्ति तंत्र जैसी विभिन्न परिष्कृत सुविधाओं से सुसज्जित है संदीप्ति दक्षता का अनुमान लगाने के लिए अल्फा किरणन स्रोत को अंशांकित करने वाली दुनिया की 4 प्रयोगशालाओं में से एक सूक्ष्म ग्रेन संदीप्ति कालनिर्धारण को क्रियान्वित करने की क्षमता रखने वाली भारत की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में से एक
फोटोनिक्स विज्ञान प्रयोगशाला
फोटोनिक विज्ञान लैब का मुख्य उद्देश्य अरैखिक क्रिस्टल के साथ प्रकाशिक बीम की स्थानिक संरचना की परस्पर क्रिया का अध्ययन करना और UV से THz तरंग दैर्ध्य रेंज में सभी समय के पैमानों (सतत तरंग से फेमटोसेकंड तक) में ट्यून करने योग्य नयी संरचित ऑप्टिकल बीम के उत्पादन का अध्ययन करना है। हम क्वांटम संचार के लिए आवश्यक हाइब्रिड और उच्च आयामी उलझी हुई अवस्थाओं युक्त उच्च प्रदीप्ति वाले उलझे हुए फोटॉन स्रोत के उत्पादन पर भी काम करते हैं।

हमारे पास 10 K श्रेणी के दो स्वच्छ कक्ष हैं। पूरी प्रयोगशाला को पांच प्रयोगशालाओं में बाटा गया है जो कि पांच अलग-अलग परियोजनाओं पर काम करती हैं। सैद्धांतिक तौर पर, इस प्रयोगशाला में वर्तमान में उपलब्ध ढांचे का उपयोग करते हुए 10-15 लोग एक साथ काम कर सकते हैं। दुर्भाग्य से, समूह में मौजूद लोगों की संख्या कम है। इन पांच प्रयोगशालायें में विभिन्न विषयों पर काम होता है: EM स्पेक्ट्रा में विभिन्न तरंग दैर्ध्य पर अतितीव्र संरचित बीम उत्पन्न करने के लिए फेमटोसेकंड संरचित बीम का अध्ययन, उच्च हार्मोनिक उत्पादन प्रक्रिया में अंतःक्रियात्मक बीमों की स्थानिक संरचनाओं के प्रभाव का अध्ययन, निकट-IR और मध्य-IR तरंग दैर्ध्य में पंप बीम की स्थानिक संरचना के प्रभाव का अध्ययन और THz तरंग दैर्ध्य रेंज में उसका स्थानांतरण, सतत तरंग लेजर बीम का प्रभाव और पंप बीम के कक्षीय कोणीय संवेग को उत्पन्न बीम में स्थानांतरित करने और उलझे हुए फोटॉनों के अध्ययन के लिए प्रयोगात्मक योजनाओं का डिजाइन, उनका उत्पादन और उलझी हुई अवस्थाओं की विमीयता में वृद्धि और संकर उलझाव का अध्ययन। इस प्रयोगशाला की शुरुआत 2014 में हुई थी। अब तक, हमने उच्च स्तर की अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 37 से अधिक लेख प्रकाशित किए हैं और तीन छात्रों ने पीएचडी प्राप्त की है।


उच्च ऊर्जा वाला सफायर लेज़र तंत्र,  2360 nm पर मध्य-अवरक्त अतितीव्र लेज़र, 1064 nm पर फेम्टोसेकन्ड और सतत तरंग फ़ाइबर लेज़र, उच्च संबद्धता दैर्घ्य वाला सतत तरंग नील लेज़र

विभिन्न संसूचन तंत्र: EMCCD, ICCD, UV से THz तरंगदैर्ध्य रेंज वाले कैमरा

निर्वात पंप और निर्वात कक्ष

10 K श्रेणी की स्वच्छ कक्ष सुविधा


इस प्रयोगशाला के उल्लेखनीय योगदान इस प्रकार हैं:

• हमने विभिन्न समय पैमानों (सतत तरंग से फेमटोसेकंड) पर प्रकाशिक प्राचलिक दोलित्र (OPOs) का उपयोग करते हुए एयरी तीव्रता प्रोफ़ाइल में समस्वरण योग्य, संबद्ध विकिरण का पहला प्रयोगात्मक प्रदर्शन प्रदान किया है। एयरी बीम विवर्तन मुक्त बीम हैं जो मुक्त स्थान में वक्रित प्रपथ में संचरण करती हैं और छोटी वस्तुओं द्वारा रुकावट के बाद भी अपने आकार को पुनर्स्थापित कर लेती हैं। OPO का प्रयोग करके एयरी बीम का उत्पादन संरचित प्रकाशिक बीम के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज मानी जा सकती है। 

• कक्षीय कोणीय संवेग (OAM) युक्त फोटॉन का वहन करने वाले एकल भंवर बीम का उपयोग करते हुए हमने विभिन्न तरंगदैर्ध्य पर प्रकाशिक बीम के बीच OAM के नियंत्रित स्विचन का प्रदर्शन किया है। चूँकि OAM के आयाम अनंत होते हैं, OAM स्विचन क्लासिकी और क्वांटम संचार दोनों में आवश्यक है। यह एक सामान्य और नवीन दृष्टिकोण है और इसे ऑप्टिका में स्वीकार किया गया है, जो प्रकाशिकी और फोटोनिक्स के क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ पत्रिकाओं में से एक है।

• OAM युक्त दो फोटॉनों के विलोपन की घटना का प्रदर्शन किया गया और यह प्रदर्शित किया गया कि दो लेज़र बीम के OAM के विलोपन से एक नयी OAM रिक्त, डोनट के आकर और खोखली गाउसीय तीव्रता प्रोफाइल वाली लेज़र बीम का उत्पादन होता है। यह अध्ययन क्वांटम गणना और संचार के लिए आवश्यक फोटॉनों के OAM में प्रहस्तन (जोड़ और घटाव) की संभावना को दर्शाता है। यह OAM विलोपन की पहली रिपोर्ट है और खोखली गाऊसी बीम उत्पन्न करने के लिए एक नया उपाय है। इसे नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में स्वीकार किया गया था।

• हमने अतितीव्र लेज़र की अरैखिक परस्परक्रिया का प्रयोग करके गहरे पराबैंगनी (266 nm) और दृश्यमान तरंग दैर्ध्य में प्रकाशिक भंवर और "आदर्श" भंवर का उत्पादन किया है। जबकि इस तरह की बीम स्पेक्ट्रोस्कोपी, प्रकाशिक विपाशन और ट्वीज़िंग के लिए आवश्यक हैं, यह काम इन तरंग दैर्ध्यों पर भंवर बीम बनाने की एकमात्र तकनीक को प्रदर्शित करता है। इस प्रकार इन प्रायोगिक प्रदर्शनों ने उच्च शक्ति/ऊर्जा स्तरों पर स्थानीसंरचित बीमों की अरैखिक परस्परक्रिया का एक नया क्षेत्र शुरू किया है।

• तत्क्षणिक प्राचलिक अभिनिम्न परिवर्तन (SPDC) का उपयोग करके प्रदर्शित किया गया था कि उलझे हुए फोटॉनों का कोणीय स्पेक्ट्रम पंप बीम की OAM सामग्री पर निर्भर नहीं करता, बल्कि उसके स्थानिक वितरण पर निर्भर करता है। आदर्श भंवर का प्रयोग करके SPDC फोटोन के उत्पादन की यह पहली रिपोर्ट है। हमने इस तथ्य को स्थापित किया कि भंवरों का OAM एकल फोटॉन की स्थानिक संरचना में कोई भूमिका नहीं निभाता।

• हमने लंबी दूरी के मुक्त स्थान और क्वांटम अंतरिक्ष संचार के लिए एक उच्च प्रदीप्ति वाला उलझा हुआ फोटॉन स्रोत भी विकसित किया है और एक क्लासिकी अवस्था से सीधे क्वांटम अवस्था उत्पन्न करने की संभावना का प्रदर्शन किया है। प्रूफ-ऑफ़-प्रिंसिपल के रूप में पंप बीम की क्लासिकी अपृथकीय  अवस्था के माध्यम से एक संकर उलझी हुई दो-फोटॉन क्वांटम अवस्था को उत्पन्न किया गया था। इस तरह की संकर उलझी हुई अवस्थाओं का उपयोग क्वांटम सूचना विज्ञान और सुदूर संवेदन में कोणीय विस्थापन के अतिसुग्राही मापन में किया जाता है। 

• इनमें से कुछ परिणाम, जैसे कि कॉम्पैक्ट, उच्च शक्ति, संरचित बीम स्रोतों का विकास, बुनियादी अनुसंधान और तकनीकी अनुप्रयोगों दोनों के लिए आवश्यक हैं। इसी तरह, क्वांटम प्रकाशिकी के आधार के परीक्षण के लिए एक उच्च प्रदीप्ति वाले उलझे हुए फोटॉन स्रोत का उपयोग किया जा सकता है। हमने आउटरीच गतिविधियों के लिए माइक्रोन के आकार के सिलिका कणों को फंसाने के लिए प्रकाशिक ट्वीज़र्स, विस्तृतबैंड प्रकाशिक क्लोकिंग, क्वांटम इरेज़र, स्पेकल इंटरफेरोमीटर, और प्रकाशिक फाइबर का उपयोग करके आयामह्रासी तरंग के युग्मन सहित कुछ उन्नत प्रयोग भी विकसित किए हैं। गुजरात में 10000 से अधिक छात्रों के सामने इस तरह के प्रयोगों का प्रदर्शन किया जा चुका है।


फोटोनिक्स विज्ञान प्रयोगशाला अरैखिक और क्वांटम प्रकाशिकी के क्षेत्र में उच्च कोटि का अनुसन्धान करने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला है। यह भारत में प्रायोगिक क्वांटम प्रकाशिकी पर काम करने वाली चुनिंदा प्रयोगशालाओं में से एक है। इस लैब के पास भारत और विदेश के विभिन्न समूहों/प्रयोगशालाओं के साथ सक्रिय सहभागिता है। यह लैब भारत के विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालों के PhD छात्रों को व्यावहारिक प्रयोग करने का अवसर देकर उनकी सहायता भी करती है।
क्वांटम विज्ञान और प्रद्योगिकी प्रयोगशाला
मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं - 1. उपग्रह पर आधारित क्वांटम संचार 2. क्वांटम उलझाव का अध्धयन 3. क्वांटम संवेदन और क्वांटम मेट्रोलॉजी

क्वांटम संवेदन और क्वांटम मेट्रोलॉजी के उद्देश्य से यह प्रयोगशाला सिंगुलर प्रकाशिकी (अर्थात क्वांटम प्रक्षेत्र में प्रावस्था सिंगुलैरिटी और ध्रुवण सिंगुलैरिटी) की भौतिकी और उसके अनुप्रयोगों के अध्धयन में संबद्ध है। 


फेम्टोसेकन्ड Ti-सफायर लेज़र, हाई-कोहेरेन्स लेंथ डायोड लेज़र, CW ठोस अवस्था लेज़र (532 nm, 10 W), दिगीय-प्रकाश माडुलक (SLM), EMCCD, व्युत्क्रम माइक्रोस्कोप, बाह्य कोटर समस्वरण योग्य डायोड लेज़र और एकल फोटोन संसूचक


सबसे पहला परिणाम है प्रकाश की कक्षीय कोणीय संवेग (OAM) विधाओं का प्रयोग करके उलझी हुई उच्च विमीय अवस्थाओं का उत्पादन, जोकि प्रकाश में प्रावस्था सिंगुलैरिटी की एक अभिव्यक्ति है। इस प्रयोगशाला ने ट्विस्टेड एकल फोटोन के स्रोत का उत्पादन किया है और उसकी फोटोन सांख्यिकी एवं तीव्रता सहसंबंधनों का अध्धयन करके उसे विश्लेषित किया है। उसने प्रकाश की OAM विधाओं का प्रयोग करके सक्षम क्वांटम कुंजी वितरण और क्वांटम टेलेपोर्टेशन के लिए बहुत सी प्रोटोकॉल्स का विकास किया है।  


प्रकाशिक भवर बीम और प्रकाश की OAM विधाओं के साथ काम करने का लम्बा अनुभव