शोध प्रभाव (आरआई@पी.आर.एल)

शोध प्रभाव मापन को प्रायः , उद्धरण गणना , जर्नल प्रभाव घटक और शोधकर्ता विशिष्ट मिति जैसे एच-इंडेक्स इत्यादि जैसे परिमाणात्मक तरीकों का उपयोग करके वर्णित किया जाता है। इस प्रकार के माप को पुस्तकालय और सूचना विज्ञान क्षेत्र में 'ग्रंथमितीय' के रूप में जाना जाता है। अकादमिक शोध के प्रभाव को मापने और उसका वर्णन करने की गतिविधि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से वैज्ञानिक संस्थानों , में महत्वपूर्ण होती जा रही है।


आरआई@पी.आर.एल के बारे में

पीआरएल की पुस्तकालय और सूचना सेवाएं , पीआरएल के लक्ष्य और दूरदर्शिता का समर्थन करने के लिए ग्रंथमितीय विश्लेषण तकनीकों का उपयोग करके अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। ग्रंथमितीय विश्लेषण वैज्ञानिक प्रकाशनों से डेटा निकालता है और वैज्ञानिक अनुसंधान की प्रक्रियाओं, और बौद्धिक संरचनाओं को समझने के लिए सांख्यिकीय तरीकों, उपकरणों (आर, वीओएसव्यूअर) का उपयोग करके उस डेटा का विश्लेषण करता है। प्रकाशनों को इकट्ठा करने, प्रबंधित करने और उनका विश्लेषण करने में हमारी विशेषज्ञता के आधार पर, हम वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रबंधन, मूल्यांकन और मजबूत करने में पीआरएल की सहायता के लिए मानक और अनुकूलित सेवाओं की एक श्रृंखला प्रदान करते हैं।

डेटाबेस: स्कोपस/वेब ऑफ साइंस

उपकरण: एक्सेल, आर, वीओएसव्यूअर , आदि।