वॉइस-2020

COVID-19 महामारी के संबंध में देश में मौजूदा परिस्थिति और सभी संबंधितों की सुरक्षा एवं हित को देखते हुए, वॉइस-2020 को इस वर्ष के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के अनुसार, वॉयस-2020 के कार्यक्रम में बदलाव की घोषणा इस वेबपेज पर की जाएगी|

उद्देश्य

भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पी.आर.एल.) जिसे "अंतरिक्ष विज्ञान का पालना" भी कहा जाता है, की स्थापना भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए. साराभाई द्वारा वर्ष 1947 में किया गया था। डॉ. साराभाई के जन्मशताब्दी वर्ष (2019-2020) के अवसर पर, पी.आर.एल. ने स्कूली बच्चों के लिए अखिल भारतीय स्तर की एक निबंध प्रतियोगिता शुरू की थी। इस वर्ष 8वीं से 10वीं श्रेणी के स्कूली छात्र इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं।

वर्ग: 8वीं से 10वीं श्रेणी के छात्र/छात्रा

विषय: दूरबीन के साथ एक रात

व्याख्या: अनादि काल से रात के आकाश ने मानव मन को सम्मोहित किया है। प्रारंभिक युग के लोगों ने देखा कि चंद्रमा रातों में आकार बदलता है; तारों के झुंड पशु और मनुष्यों के आकार की तरह दिखते हैं। खगोलीय प्रेक्षणों के सबसे पुराने रिकॉर्ड 30,000 साल पुराने गुफाओं की दीवारों पर पाए गए हैं। लगभग 410 वर्ष पहले गैलीलियो द्वारा दूरबीन के उपयोग द्वारा पहला खगोलीय प्रेक्षण किया गया था। उस समय से, प्रेक्षकों ने आकाश का प्रेक्षण करने के लिए न केवल दृश्य प्रकाश, बल्कि रेडियो से लेकर गामा-किरणों तक लगभग हर विद्युत चुम्बकीय तरंगदैर्ध्य का उपयोग किया। दूरबीन वास्तव में ब्रह्मांड का प्रेक्षण करने के लिए हमारी आंखें बन गईं हैं। अब खगोलीय पिंडों को समझने के लिए खगोलविद पूरे स्पेक्ट्रम पर दूरबीनों का उपयोग करते हैं। मान लें कि आपको दुनिया की सबसे अच्छी दूरबीन के साथ प्रेक्षण करने का अवसर दिया गया है (आप रेडियो से लेकर गामा-किरण तक की कोई भी तरंग दैर्ध्य चुन सकते हैं, यहां तक कि गुरुत्वाकर्षण तरंगें, न्यूट्रिनो या कॉस्मिक किरण जैसे बहु-संदेशवाहक प्रेक्षण), हमें बताएं कि आप किस पिंड का प्रेक्षण करना चाहते हैं, और उसके बारे में क्या रहस्य सुलझाना चाहते हैं।

दिशा-निर्देश

  • 8वीं से 10वीं श्रेणी के छात्र/छात्रा भाग ले सकते हैं। उन्हें निबंध सहित आधिकारिक मुहर के साथ संस्थान के प्रधानाचार्य/प्रधान द्वारा सत्यापित छात्र सूचना प्रपत्र (पी.आर.एल. वेबसाइट पर दिए गए अनुसार) की स्कैन कॉपी प्रस्तुत करनी होगी।
  • निबंध निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाना चाहिए। किसी अन्य मोड में प्रस्तुत करने पर विचार नहीं किया जाएगा।
  • शब्द सीमा: 3000 शब्द। इसमें 300 शब्दों का सारांश होना चाहिए, तीन बुलेट बिंदुओं में 75 शब्दों में प्रमुख उल्लेखनीय तथ्य, और अन्य प्रासंगिक विवरण जैसे कि परिचय, निबंध का विषय-वस्तु, आंकड़े, आदि के साथ लगभग 200 शब्दों में निष्कर्ष। निबंध में निम्नलिखित शामिल होने चाहिए:
    • आप किस रहस्य को सुलझाना चाहते हैं?
    • आप किस दूरबीन का उपयोग करना चाहेंगे?
    • आपको क्यों लगता है कि चुनी हुई दूरबीन सबसे उपयुक्त है?
    • अंत में, आप रहस्य को कैसे सुलझाना चाहते हैं?
  • छात्र सूचना पत्र पीडीऍफ़ फाइल, वर्ड फाइल
  • संपूर्ण नियम और शर्तों के लिए, कृपया यहां क्लिक करें
  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूची के लिए कृपया यहां क्लिक करें

मूल्यांकन प्रक्रिया

  • प्रथम चरण: अधिकतम 50 छात्रों को चुना जाएगा
  • द्वितीय चरण: चुने गए छात्रों को प्रस्तुति के लिए पीआरएल में आमंत्रित किया जाएगा और उनमें से नौ निबंधों को पुरस्कृत किया जाएगा।
  • ध्यान दें: चुने गए सभी छात्रों एवं उनके साथ आए हुए एक व्यक्ति को स्थानीय आतिथ्य और सबसे छोटे मार्ग से ट्रेन में स्लीपर (SL) श्रेणी/सरकारी बस द्वारा यात्रा की सुविधा दी जाएगी। यह अनुरोध प्राप्त होने पर उपलब्ध कराई जाएगी।

महत्वपूर्ण तिथियाँ

प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि :मई 1, 2020
अधिसूचना की तिथि: जुलाई 1, 2020
प्रस्तुतिकरण: अगस्त 27, 2020
पुरस्कार वितरण: अगस्त 28, 2020

पुरस्कार राशि

प्रथम पुरस्कार₹ 10,000
द्वितीय पुरस्कार₹ 8000
तृतीय पुरस्कार₹ 5000
छह विशेष उल्लेख पुरस्कार₹ 2000

संपर्क करें

ई-मेल: [email protected]
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला,
नवरंगपुरा, अहमदाबाद - 380 009, भारत